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क्या कसूर था आखिर मेरा ? भाग 23



दुर्जन ने कहा "ये झूठ  बोल रहा  है  ये सब  इसके बेटे ने ही किया है। और अब नाटक  कर  रहा "


"समधी  जी जो सच  था  सब सामने आ  गया  गुनेहगार इनका बेटा नही बल्कि आपकी  बेटी है । जो अपनी शादी  वाले दिन ना जाने किस के साथ  मुँह काला करने गयी  थी । और इस हाल में आ  पहुंची । सब  दूध  का दूध और पानी का पानी हो गया। चल  अमित अब तुझे  भी  सब  पता  चल  गया  " अमित की माँ ने कहा

अमित को अभी  भी यकीन  नही हो रहा  था  की अंजली  उसके साथ  ऐसा कर  सकती  है ।

चरण  सिंह  कहता  है  वहा  खड़े  लोगो से " क्या तुम सब  ने सुना की स्पेक्टर ने क्या कहा, कि वो अर्जुन कि ज़मानत  दिलाने शहर गया  है  और थोड़ी  देर बाद घर आ  जाएगा। तो इससे ये साबित होता है  कि मेरा बेटा कल  जैल  में था  जब  ये हादसा हुआ इसलिए  मेरा बेटा बेगुनाह है ।


इसकी छोकरी  खूबसूरत  थी  फ़सा  रखा  होगा किसी और लड़के  को अपने हुस्न के जाल में। अब जब  शादी  तय  हो गयी  तो उससे छुटकारा  पाने कि सोच  रही  होगी इसलिए उस लड़के  ने उस पर  तेजाब फेक  दिया होगा। लेकिन कोइ बात नही मैं अपने साले से कहूंगा  कि उस लड़के  को जल्द से जल्द ढूंढे  भले  ही इसकी लड़की  बदचलन थी  लेकिन गुनेहगार को तो पकड़ना  ही चाहिए  "


दुर्जन रोते हुए  ज़मीन  पर  बैठ  जाता और कहता  " मेरी बेटी बेक़सूर  है  उसने कोइ गुनाह नही किया जो कुछ  किया है  इसके बेटे अर्जुन ने किया है । ये झूठ  बोल रहा  है  मेरी बेटी बदचलन  नही है । उसने तो कभी  किसी लड़के की तरफ  आँख  उठा  कर  देखा  भी  नही "

चरण  सिंह  कहता  है  दरोगा  से " इसे यहाँ से ले जाओ ये पागल  हो चूका  है । अपनी बेटी की वजह  से बेवजह  मुझे  और मेरे बेटे को बदनाम  कर  रहा  है । सच  सबके  सामने आ  चूका  है  ये तुम भी  जानते हो "

"जी सेठ  जी अभी हटाता  हूँ इसे यहाँ से " दरोगा  ने कहाँ


"जैसा की सेठ  जी ने बताया  की इनका बेटा अभी  भी जैल  में है  और बड़े  इस्पेक्टर साहब  उसे लेने गए  है  क्यूंकि आज  उसकी रिहायी है  जिससे साबित होता है  कि कल  रात वाले हादसे में इनके बेटे का कोइ हाथ  नही है । लेकिन मैं वारदात वाली जगह  की छान  बीन  करूंगा  जरूर  कुछ  ना कुछ  मिलेगा जो हमें असली गुनेहगार तक  पंहुचा  देगा। हर  मुजरिम अपने पीछे  कुछ  ना कुछ सबूत  छोड़  ही जाता है  और ये भी  छोड़  कर  गया  होगा " दरोगा  ने कहा


धीरे  धीरे  वहा  खड़े  लोग जाने लगे । तभी  अमित दुर्जन के पास  आता  और कहता  " आपकी  बेटी ने अच्छा नही किया काका, अगर  वो किसी और से मोहब्बत  करती  थी  तो मुझे  शादी  के लिए  हाँ क्यू कही , मुझे  प्यार भरे  ख़त  क्यू लिखें जब  मुझसे  प्यार था  ही नही, क्यू मेरी मोहब्बत  का मज़ाक  बना  कर  रख  दिया दुनिया के सामने। दिल में कितने अरमान लेकर मैं घोड़ी  चढ़ा था सारे अरमान मिट्टी में मिला दिए  आपकी  बेटी ने।

ना जाने किस आशिक  के खातिर  "

दुर्जन आँखों  में आंसू  लिए  इसकी तरफ  स्नेह भरी  नज़रो  से देख  कर  कहता  " बेटा तुम भी  उसे गुनेहगार समझ  रहे  हो, तुम तो उससे बेइंतेहा मोहब्बत  करते  थे  और साथ  जन्मो तक  साथ  निभाने  का वायदा भी  किया था । लेकिन आज  यूं अचानक  सिर्फ लोगो की बातो पर  भरोसा  कर  के तुम अपने प्यार को अकेला छोड़  रहे  हो। जब  उसे तुम्हारी बहुत  ज्यादा जरूरत है"


 " काका बहुत  देर हो चुकी अब, अगर ये वारदात अर्जुन ने की होती अपनी दुश्मनी निकालने के लिए तो मैं ज़रूर उसका साथ  देता और गुनेहगार को सजा  दिलवाता। लेकिन ये वारदात अर्जुन ने नही बल्कि अंजली  के किसी पुराने और गुमनाम आशिक  ने अंजाम दी है  शायद  जिसे अंजली  ने मेरी तरह  उसे भी  प्यार भरी  बाते करके  बेवक़ूफ़  बनाया  होगा जिस वजह  से उसने ये सब  किया उसके साथ । काका मैं जा रहा  हूँ सब  कुछ  छोड़  कर  अंजली  अगर  बच  जाए तो कहना  मेने उसे माफ किया जो कुछ  भी  उसने मेरे साथ  किया " अमित रोते हुए  बोला और वहा  से अपनी माँ का हाथ  पकड़  कर  चल  दिया।

" बेटा रुक जाओ मेरी बेटी बेक़सूर  है। उसे तुम्हारी जरूरत  है । जब  तुम्हे सच्चाई  का पता  चलेगा  तब  तुम्हारे पास  पछताने  के अलावा कुछ  नही बचेगा  " दुर्जन ने ज़मीन  पर  अपना हाथ  ज़ोर ज़ोर से मारते हुए  कहाँ। सारे गांव वाले उसकी बेटी को कसूरवार  समझ  कर  जा चुके  थे ।


वो वहा  अकेला बैठा  रो रहा  था । दरोगा  उसे वहा  से ले आया ।

साहूकार घर  के अंदर जाता और ज़ोर ज़ोर से हस्ते हुए  अंदर  बैठे  कमलेश  और अर्जुन को गले  लगाता  और कहता  " आखिर  कार हमने  ले ही लिया अपना बदला  उन बाप बेटी से बहुत  बदनामी  की थी  उसने मेरी और मेरे बेटे की।

वो तो उस समय  इलेक्शन  सर  पर  थे इसलिए खामोश  बैठा  रहा  और अपने बेटे को जैल  भिजवा  दिया लेकिन अब नही। "


"जी जीजा जी  क्या मस्त एक्टिंग की अपने  बाहर  जाकर  सब  कुछ  पता  होकर  भी  अनजान बने  रहे ," कमलेश  ने कहा


अर्जुन की माँ अर्जुन की बलाये ले रही  थी  और बोली " कितना दुबला हो गया  है  मेरा लाल उस कलमूही  की वजह  से। लेकिन अब बारी उसकी है । "

"जी भाग्येवान अब बारी उसकी है , वो चिड़िया  मुझे और मेरे बेटे को बदनाम  करके  इस गांव से उड़ कर शहर  जा रही  थी , लेकिन भूल  बैठी  थी  कि मेरा नाम चौधरी  चरण  सिंह  है  जो अपनी बदनामी  हर  गिज़ नही भूलता  सूत समीद  वापस  ले लेता है  " चरण  सिंह  ने अपनी पत्नि से कहा।


"अब तुम आज़ाद हो भांजे  जो दिल चाहे  करो  " कमलेश  ने कहा

" नही नही अभी  नही, वो दरोगा  वहा  झान बीन  करने  को कह  रहा  था  जहाँ अर्जुन ने उस लड़की पर तेजाब फेका था। कही  कुछ  मिल गया  उसे तो बेवजह  शक  हम  पर  जाएगा " चरण  सिंह  ने कहा


अर्जुन कुछ  सोचने  लगा  और बोला " मामा वो एसिड कि बॉटल जल्द बाज़ी में वही  छूट  गयी  थी , अगर  वो दरोगा  को मिल गयी  और उसने मेरी उंगलियों के निशान मिलाने कि कोशिश  कि तो मैं पकड़ा  जाऊंगा "


"ये क्या किया तूने  अर्जुन " चरण  सिंह  ने कहा


"कोइ बात नही जीजा  जी उस थाने  का इंस्पेक्टर मैं हूँ अगर  वो दरोगा  कुछ  ढूंढ  भी  लेगा तो दिखाने  तो मेरी पास ही लाएगा । और अगर  उसे वो बोतल  मिल भी  गयी  तो हम  उस पर  बने फिंगर प्रिंट को निकाल कर  अर्जुन से मिला कर  झूटा  बना  देंगे जिससे हमारे  पास  सबूत  होगा कि ये सब  कुछ  अर्जुन ने नही  बल्कि उस लड़की  के किसी पुराने आशिक  ने किया है  " कमलेश ने कहा

" धन्यवाद मामा " अर्जुन ने कमलेश को गले लगाते हुए कहा

"अरे भांजे मामा का तो काम ही भांजे को बचाना है। पता  नही कंस  कैसे भगवान  कृष्णा का दुश्मन  बन  बैठा  था  " कमलेश  ने अपने जीजा  कि तरफ  देख  कर  कहा


" अब एक और बहाना  मिल गया  इसे मुझे  लूटने  का " चरण  सिंह  ने अपनी पत्नि से बुदबूदाते हुए  कहा

" आप  भी  ना हर  बार मेरे भाई को गलत समझते हो, देखों कितनी बड़ी परेशानी को आसानी से हल कर दिया " उसकी पत्नि ने कहा

" अब देखों कौन सी ज़मीन मांगे, पहले तो नदी के पार वाली ज़मीन हथ्या ली " चरण सिंह ने कहा

"आप भी ना इतनी ज़मीन तो है आपके पास थोड़ी मेरे भाई को दे दोगे तो कौन सा कुबेर के खजाने में कमी आ जाएगी " उसकी पत्नि ने मुँह सूकड़ते  हुए  कहा।


अर्जुन ने कमलेश  को गले  लगाया  और कहाँ " मेरे प्यारे मामा "

"चल  अब कुछ  खा भी  ले, कितना कमज़ोर  हो गया  हे जैल  की रोटी खा  कर  " अर्जुन की माँ ने कहा

"खिलाओ  खिलाओ  जीजी जी  भर  कर  खिलाओ ,और थोड़ा  बहुत  अपने इस भाई  को भी  खिला  दो " कमलेश  ने कहा

"अभी  लगवाती हूँ तुम सब  के लिए  अच्छा सा नाश्ता " अर्जुन की माँ ने कहा और चली  गयी ।

अर्जुन एक अंगड़ाई  लेता और कहता  " बदन  अकड़  सा गया  जैल  में उस लड़की  की वजह  से 6 महीने  से मैं सोया नही था  जब  जब  सोता उसका चेहरा  मेरी आँखों  के सामने आ  जाता और मुझपर  हस्ता "

"कोइ नही बेटे अब ले लिया अपना बदला  अब तो खुश  हे  तू  " चरण  सिंह  ने कहा

"जी पिता जी बहुत  खुश  हूँ आपकी  और अपनी बदनामी  का बदला  ले ही लिया मेने "अर्जुन ने कहा

"अब कुछ  ऐसा वैसा मत  करना  जो करना  शहर  जाकर करना  और हाँ अब मेरे साथ  इलेक्शन  पर  ध्यान देना, ताकि मेरे बाद कुर्सी को सँभालने  वाला हो " चरण  सिंह  ने कहा

"जी पिता जी " अर्जुन ने कहा और अपने कमरे  में चला  गया।

वही  दूसरी  तरफ  दुर्जन एक लाचार  और मजबूर  बाप की तरह  गांव वालो का सामना करते  हुए  अस्पताल जा रहा  था । अपनी बेटी को देखने  लोगो की बाते सुनते हुए 




दुर्जन गांव वालो का सामना करते  हुए  अस्पताल पहुंच जाता है। अंजली  अभी  भी  बेहोश  थी  हालांकि सर्जरी कर  दी गयी  थी । लेकिन अभी भी उसे होश  नहीं आ रहा था ।


थोड़ी  देर अस्पताल में अंजली  को खिड़की  से देखता  रहा और रोता रहा । तभी उसे अपनी माँ का ख्याल  आता  जिसे वो कल  रात से घर पर ही छोड़ आया है । वो वहा से भाग कर घर की और बड़ता  है । गांव वाले जगह जगह  खड़े  होकर  ना जाने केसी केसी बाते कर  रहे थे ।

कोइ कह  रहा  था  " बेचारा  कितना खुश  था  अपनी बेटी की शादी  को लेकर  और उसकी बेटी ने मुँह दिखाने  के काबिल भी  नहीं छोड़ा  बेचारे  को, अपनी जवानी  यूं ही बर्बाद करदी  अपनी बेटी को पालने में, और वो इसके मुँह पर कालिख  पोत कर  अस्पताल में पड़ी  है  भगवान  ऐसी बेटी किसी को ना दे "

दुर्जन को गुस्सा आया  और वो एक से लड़  बैठा  और बोला " मेरी बेटी बेक़सूर  है  उसने कुछ  गलत  काम नहीं किया है  "

उस आदमी  ने उसका गिरेहबान पकड़  कर  कहाँ " अगर  बेक़सूर  है  तो अपनी शादी  वाले दिन किससे मिलने गयी  थी  जब  बारात चौखट  पर  खड़ी थी । तू  कहता  है  कि ये सब  साहूकार के बेटे अर्जुन ने किया है जबकी  सारे गांव ने सुना था  कि इस्पेक्टर साहब  उसे जैल  से छुड़ाने  गए  है । मुझे  तो लगता  है  पहले  भी  जब  अर्जुन ने तेरी बेटी को अग़वाह किया था  उसमे भी  तेरी बेटी कि मर्ज़ी शामिल  थी  और बाद में उसे जैल  भिजवा  दिया बदनामी  के डर से "


तभी  दूसरा  आदमी  कहता  है  " किस किस का मुँह बंद  करेगा  तू , और किस् किस को मारेगा सारे गांव में यही  बात हो रही  है  कि तेरी बेटी के प्रेमी ने उस पर  तेजाब फेक  दिया है  उसे धोखा  देने की वजह  से "

उन लोगो ने उस लाचार  बाप को धक्का  दिया और उसका सर  पत्थर  से जा टकराया  और खून  निकलने लगा ।

वो लोग वहा  से चले  गए  दुर्जन उठा  और रोते हुए  कहने  लगा  मेरी बेटी बेगुनाह है 

वो अपने घर  की तरफ  बड़ा  वहा  पहुंच  कर  उसने देखा  जो घर  कल  तक  शादी  की शहनाई  से गूँज  रहा  था  वो आज  शमशान  में तब्दील  हो चुका  था  उस घर  की खुशियाँ  जल  चुकी  थी ।

वो रोते हुए  घर  में घुसा । खाट पर  उसकी माँ बैठी  थी । वो उसे देख  उसके पास  गयी  और बोली " देख  लिया तूने  मेरी बात ना सुनने का नतीजा  पोत गयी  हमारे  चेहरे  पर  कालिख  अब कौन करेगा  ऐसी लड़की  से शादी  जिसका चेहरा  जल  चुका  है , कौन बनाएगा  उसे अपने घर  की बहु । मैं कहती  थी  ना दे इतनी छूट  14 बरस  की उम्र में ही अगर  तूने  उसका ब्याह कर  दिया होता तो आज  यूं बदनामी  से मुँह छिपाता नही फिरता ।

लेकिन तुझे  तो उसे अफसर  बनाने  की पड़ी थी । अपनी मरी  पत्नि से वायदा जो किया था। अब सजा  तो तुझे  मिल रही  है  वो चल बसी  उस मनहूस  को पैदा करके । अब कालिख  तो उसने हमारे  चेहरे  पर  पोत दी। अब गांव वालो का सामना तो हमें करना  है , बदनामी  के दाग को अब ज़िन्दगी भर  हमें ही अपने दामन  पर  लेकर  घूमना पड़ेगा । "


दुर्जन अपने कानो पर  हाथ  रखते  हुए  चीख  कर  बोला " बस  कर  अम्मा मेरी बेटी बेक़सूर  है । उसका इस सब  में कुछ  लेना देना नही है  "


"बेक़सूर  है , अगर  बेक़सूर  है  तो यूं अस्पताल में क्यू पड़ी है । आखिर  कौन था  जिससे वो मिलने गयी  थी  वो भी  जब , जब  बारात उसके दरवाज़े  पर  खड़ी  थी ।
कौन था  वो जिसके पास जाने से पहले  उसने अपने बूढ़े  बाप की परवाह  भी  नही की और भाग  कर उससे मिलने चली  गयी ।

तेरी बेटी ने तेरी आँखों में धूल झोकी  है , वो उस अमित को भी  पहले  से जानती थी  उसके ख़त  का इंतज़ार  करती  थी । और हमसे  कहती  थी  कि शहर  से उसकी दोस्त भेज  रही  है । समझ  दुर्जन समझ जिस हाल में तेरी बेटी आज  अस्पताल में पड़ी  है । ये उसके ही गुनाहो कि सजा  है । ये बाल मेने धूप  में सफ़ेद  नही किए  है ।


एक उम्र गुज़ारी है  मेने भी । अच्छा बुरा समझ  सकती  हूँ। तेरी बेटी ने तेरी आजादी का गलत फायदा उठाया  और ना जाने किन किन लड़को  को अपने पीछे लगा रखा था उन्ही में से एक ने उस दिन उसकी ये हालत की है। जिसकी वजह से वो आज अस्पताल में ज़िन्दगी और मौत के बीच लड़ रही है। मेरी दुआ है की वो मर जाए अपने गुनाहो की सजा स्वयं भोगे और इस दुनिया से चली जाए हमेशा हमेशा के लिए।

बच गयी तो सिर्फ बदनामी के अलावा उसके हाथ कुछ नही आने वाला। गांव वाले उसे अब यहाँ रहने नही देंगे और हमें भी निकाल देंगे अगर हमने उसका साथ दिया तो।

इसलिए उसे वही  अस्पताल में मरने के लिए  छोड़  दे। जब  मर  जाएगी तो आग  लगा  देना उसकी चिता  को शायद  कुछ  तेरा भी  बोझ हल्का हो जाए " दादी ने कहा

दुर्जन ज़मीन  पर  सर  पकडे  बैठा  रो रहा  था । उसके दिमाग़ में अजीब  अजीब  ख़यालात आ  रहे  थे ।


वही  दूसरी  तरफ  दरोगा  ने नदी  किनारे छान  बीन  शुरू  कर  दी। तभी  उसे वहा  तेजाब की बोतल  मिली जिस पर  उंगलियों के निशान  थे ।


वो उस बोतल  को लेकर  सीधा  दुर्जन के घर  आता  उसे दुर्जन के प्रति सहानुभूती  थी । दुर्जन दरोगा  को अपने घर  आते  देख  उठ  खड़ा  हुआ और बोला " क्या हुआ साहब  अब क्यू आये  हो आप, गुनेहगार तो खुला  घूम  रहा  है  अब क्या मुझे थाने  लेकर  जाना है  जैल में बंद करने के लिए ताकि मैं फिर उस साहूकार के घर ना चला जाऊ "


"तुम मेरी बात समझो  कानून  सबूत  मांगता है। और तुम्हारे पास  कोई सबूत  नही है  कि जो कुछ  भी  हुआ है  वो अर्जुन ने किया है ।

जबकी  साहूकार के पास  ठोस  सबूत था  जो उसने बताया । कि उसका बेटा जैल  में है  और इस्पेक्टर साहब उसे लेने गए  है .


मैं भी  यकीन  नही करता  अगर  मैं स्वयं बड़े  साहब  से फ़ोन  पर  बात नही करता ।" दरोगा  ने कहा


"साहब  ऐसा भी  तो हो सकता  है  कि बड़े  साहब  झूठ  बोल रहे  हो  और अर्जुन एक दिन पहले  ही छूट  गया हो । जिस दिन मेरी बेटी की शादी  थी  उसी ने उसे वो ख़त भेजा हो और नदी किनारे बुलाकर उस दिन का बदला ले लिया हो उस पर  तेजाब फेक  कर " दुर्जन ने कहा

" हो सकता  है , जैसा तुम कह  रहे  हो वैसा हो सकता  है  इसलिए  मैं तुम्हारे पास आया  हूँ मुझे  नदी  किनारे तेजाब की बोतल  मिली है  जिसपर  उस आदमी  की उंगलियों के निशान  है , जिसने इस वारदात को अंजाम दिया है । अगर  वो निशान  अर्जुन के हुए  तो गुनेहगार अर्जुन होगा और कानून  उसे सजा  देगा और तुम्हारी बेटी बेक़सूर  साबित होगी।


लेकिन अगर  ये निशान  अर्जुन के नही हो कर  किसी और के हुए  तो तुम्हे वही  सब  मानना पड़ेगा जो गांव वाले कह  रहे  है , फिर  तुम और तुम्हारी बेटी पूरे  गांव में बदनाम  हो जाएंगे क्यूंकि सच  सबके  सामने आ  जाएगा। अब तुम्हारी मर्ज़ी तुम्हे सच  जानना है या जो गांव वाले कह  रहे  है  उसी पर  यकीन  करना  है । " दरोगा  ने कहा


"क्या होगा सच  जान कर , जो बदनामी  होना थी  वो हो गयी , जो कालिख  पुतना थी  वो पुत गयी , चौखट  से बारात लौटना थी  लोट गयी । अब सच  जान कर  होगा क्या बेटी की इज़्ज़त तो वापस  आने  से रही । उसका चेहरा  जो ख़राब  होना था  वो हो गया  अब कौन करेगा  उससे शादी , कौन बनाएगा  उसे अपने घर की बहु  अगर  वो सच  साबित हो भी  गयी । कौन ऐसे जले  चेहरे  वाली लड़की  को अपनी पत्नि के रूप  में देखना  चाहेगा । नही दरोगा  हमें नही जानना उस रात किया हुआ था। बेवजह  बदनामी  हो जाएगी जब  सच  सबके  सामने आएगा  अभी  तो लोग सिर्फ सुनी सुनाई  बातो पर  कान धर रहे  है ।


भगवान  ना करे  अगर  ये बात सच  हो गयी  कि उसके साथ  जो कुछ  हुआ है  वो उस मुये साहूकार के बेटे ने नही बल्कि हमारी  ही करमजली के किसी प्रेमी ने किया है  तो गांव वाले जीना  हराम  कर  देंगे हमारा । ज़मीन  तो चली  गयी ये घर  भी  चला  जाएगा उस करमजली की वजह  से " दादी ने साहूकार से कहा



दरोगा  ने दुर्जन की तरफ  देखा  और कहा " तुम्हारा किया फैसला है  क्या तुम भी  यही  सोचते  हो, जो ये बूड़ी  अम्मा सोच  रही  है । क्या तुम भी सच  से घबरा रहे  हो मुझे  तुम्हारे मुँह से सुनना है  तभी  मैं आगे  की कार्यवाही करूंगा  मुझे  तुम्हारे प्रति सहानुभूती  है । मैं चाहता  हूँ की असली गुनेहगार को सजा  मिले चाहे  वो साहूकार का बेटा अर्जुन हो या फिर तुम्हारी बेटी का कोई प्रेमी। सजा  सबको  मिलनी चाहिए  किसी को अधिकार  नही की वो स्वयं किसी को सजा  दे।

सजा  देने के लिए  पहले  भगवान  और बाद में कानून  है  "


क्या दुर्जन दरोगा से कह  पायेगा की वो सच  जानना चाहता  है  उस रात का, या फिर वो भी  अपनी माँ की तरह  बदनामी  के डर  से मना कर  देगा सच  जानने से। जानने के लिए  पढ़िए  अगला भाग । 

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8 Comments

Neelam josi

09-May-2022 06:50 PM

Very nice

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Renu

09-May-2022 05:56 PM

👍👍

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Fareha Sameen

09-May-2022 02:39 PM

Very nice

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